Ek Sham

एक शाम थी
तेरे करीब
रंग थे कई
नजरे वही

कितनी गेहरीं
यादे तेरी

कितनी गेहरीं
यादे तेरी

बाहों मैं तेरी
राते हैं ठेहरी
मेरी यादों मैं
तू हैं कहीं

तेरे बगैर
लम्हे कई
सांसें नही
बातें रही

कितनी गेहरीं
यादे तेरी

कितनी गेहरीं
यादे तेरी

तुझसे मिलके
रंग सा खिला हूँ
बरसो बाद
खुदसे मिला हूँ



Credits
Writer(s): Shivam Gurnule
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