Thehra

ठहरा-ठहरा मुलाक़ातों में, बातों में
लमहा है ये मेरा
गहरा-गहरा सा है रंग ऐसा चढ़ रहा
मुझ पे है जो तेरा

अब तेरी आहों में, बाँहों में मिलती हैं राहतें
क्या है ये? बता
तुझ को ही धर लूँ पनाहों में, तेरी हैं आदतें
अब तो ना सता

लहरा-लहरा घुल रहा जो हवाओं में
नशा है ये तेरा
चेहरा-चेहरा आ के देखो ना कह रहा
हो जाए तू मेरा

अब मेरे ख़्वाब-ओ-खयालों में रहने लगा है
तेरा ही खुमार
आँखों के पन्नों, किताबों में लिखने लगी हूँ
तुझ को बार-बार

तेरी हो जाऊँ मैं, मेरा हो जाए तू
एक-दूजे से हो जाएँ चल अब तो रू-ब-रू
थोड़े अनजाने से, थोड़े खोए भी हैं
एक पल को तू आ-आज़मा ले जो दिल में है

तेरी हो जाऊँ मैं, मेरा हो जाए तू
एक-दूजे से हो जाएँ चल अब तो रू-ब-रू
थोड़े अनजाने से, थोड़े खोए भी हैं
एक पल को तू आ-आज़मा ले जो दिल में है

एक पल को तू आ-आज़मा ले जो दिल में है



Credits
Writer(s): Abhijeet Srivastava, Shayra Apoorva, Shreya Jain
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