Darshan Ho Maa Tere

तुम विनती सुनो सब की
कल्याण करो जग का
तुम विनती सुनो सब की
कल्याण करो जग का
सद राह दिखा करके
उधार करो दुर्गा
उधार करो दुर्गा
तुम विनती सुनो सब की

दर्शन हो माँ तेरे सब की अभिलाषा है
मन में रहो तुम सबके तुम से यही आशा है
दर्शन हो माँ तेरे सब की अभिलाषा है
मन में रहो तुम सबके, तुम से यही आशा है
क्या मेरा क्या उसका ये अपना पराया क्या
सद ज्योति जलाकरके रोशन करो जग सारा
रोशन करो जग सारा

तुम विनती सुनो सब की

संसार तो माया है, कभी धूप कभी छाया है
इक दिन उसे जाना है, जो भी यहाँ आया है
संसार तो माया है, कभी धूप कभी छाया है
इक दिन उसे जाना है जो भी यहाँ आया है
क्या रंग है जीवन का, क्या रूप है मानव का
तुम ज्ञान बड़ाकरके उपकार करो दुर्गा
उपकार करो दुर्गा

तुम विनती सुनो सब की
कल्याण करो जग का
तुम विनती सुनो सब की
कल्याण करो जग का



Credits
Writer(s): Shrikant Mishra, Durga Durga, Natraj Natraj
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link