Karta Hai Ye Dil Intezaar Tera (feat. Krish Mehta)

तेरा जाना, मुझे कुछ ऐसा लगा,
की मेरा ही अश्क़, मुझी में न रहा |

लौट आओ है ये इल्तिजा,
करता है ये दिल इंतज़ार तेरा |

दिल का वो हिस्सा, खाली है आज भी
तेरे खातिर जहाँ पे मेरा प्यार था कभी|
चाहते हो तुम हमसे किनारा अब क्यों?
शायद! हम तुम्हारी ख़्वाहिशों अब नहीं!

काश हम भी हो पाते अगर खफा तुमसे कभी, तो फिर होता न जुबां पे ये ज़िक्र
मिलेंगे फिर हम तुमसे यहीं किसी मोड़ पर, उस खुदा की मंज़ूरी होगी अगर

शायद फिर कभी वो हक़ हमें दोबारा न मिले
जिसमे हो पातीं इस दिल की शिकायतें|
समझा लिया हमने इस नाज़ुक से इश्क़ को
जाने भी दो अब वो हमारे न रहे|

काश हम भी हो पाते अगर खफा तुमसे कभी, तो फिर होता न जुबां पे ये ज़िक्र
मिलेंगे फिर हम तुमसे यहीं किसी मोड़ पर, उस खुदा की मंज़ूरी होगी अगर |



Credits
Writer(s): Rj Swapnil
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