Main Kapde Badal Ke (From "Love Story 98")

मैं कपड़े बदल के जाऊँ कहाँ?

मैं कपड़े बदल के जाऊँ कहाँ?
मैं ख़ुद को सजाऊँ किसके लिए?
किसके लिए? किसके लिए?

मेरी जान अकेला छोड़ गई
अब गीत रचाऊँ किसके लिए?
किसके लिए? किसके लिए?

मैं कपड़े बदल के जाऊँ कहाँ?
मैं ख़ुद को सजाऊँ किसके लिए?

वो प्यार के झिलमिल दिन गुज़रे
वो प्यार की जगमग रात गई
जिस धूप से दिल में ठंडक थी
वो धूप भी उसके साथ गई

इस दिल के ख़ाली कमरे में
इस दिल के ख़ाली कमरे में
मैं शम्मा जलाऊँ किसके लिए?
किसके लिए? किसके लिए?

मैं कपड़े बदल के जाऊँ कहाँ?
मैं ख़ुद को सजाऊँ किसके लिए?
मेरी जान अकेला छोड़ गई
अब गीत रचाऊँ किसके लिए?
किसके लिए? किसके लिए?

मैं कपड़े बदल के जाऊँ कहाँ?
मैं ख़ुद को सजाऊँ किसके लिए?

वो प्यार का मौसम बीत गया
अब चाहत की बरसात नहीं
उसकी चुभती यादों के सिवा
कुछ और तो मेरे साथ नहीं

सपनों के महल में आग लगी
सपनों के महल में आग लगी
अब दुनिया बसाऊँ किसके लिए?
किसके लिए? किसके लिए?

मैं कपड़े बदल के जाऊँ कहाँ?
मैं ख़ुद को सजाऊँ किसके लिए?
मेरी जान अकेला छोड़ गई
अब गीत रचाऊँ किसके लिए?
किसके लिए? किसके लिए?

मैं कपड़े बदल के जाऊँ कहाँ?
मैं ख़ुद को सजाऊँ किसके लिए?



Credits
Writer(s): Bappi Lahiri
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