Baarish

मैं खड़ा यहाँ तेरे इंतज़ार में
तक रहा तुझे हूँ अरसों से प्यार में

दूर तक है मेरी नज़र
दिख नहीं रहे तुम मगर
क्या सूनी रात है?
क्या सूनी है ये डगर?

अब तो बारिश भी होने लगी है
पर तुम कहाँ हो? (कहाँ हो?)
अब तो बादल गरज़ने लगे हैं
पर तुम कहाँ हो?

प्यार अगर नहीं है तो कह भी दे, मैं भी हूँ तैयार
ज़िंदगी बची है जो बाक़ी भी वो तुझ पे क़ुर्बां
दिल के अरमाँ हैं लाखों दफ़न हुए
फ़िर क्यूँ मेहरबाँ तू दिल को दस्तक ना दे?

अब तो बारिश भी होने लगी है
पर तुम कहाँ हो?
अब तो बादल गरज़ने लगे हैं
पर तुम कहाँ हो?



Credits
Writer(s): Vipin Singh
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