Aakhri Panne

किताबों के आख़िरी पन्नों सा
लिफ़ाफ़ों में दोस्त के ख़त सा

कहानियों के बीच में जहाँ है क़ैद राजकुमारी
ख़बर के सुनते साथ ही निकल पड़ा है राजकुमार

लगा था कुछ है ऐसा, किया था जब इज़हार
कर बैठा हूँ मैं तुम से प्यार

सितारे भी लिख रही ये दास्ताँ
ये साज़िश में शामिल है घटा

तुम आए मेरे सामने तो दिल बना बहरूपिया
ना जाने कौन-कौनसा रंग छुपाए भी नहीं छुपा

लगा था कुछ ऐसा, किया था जब इज़हार
कर बैठा हूँ मैं तुम से प्यार
तुम ने किया इनकार, मैं बेबस और लाचार
कर बैठा हूँ मैं तुम से प्यार



Credits
Writer(s): Soham Mallick
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