Kya Hua

तेरे प्यार की तलब लगी है ये मुझे
मेरे दर्द की यही है सदा
इस रात का नया सवेरा हो अगर
तू ही तो बने मेरी सुबह

यही इल्तिजा मेरी है, मेरी आरज़ू तू ही है
तू ही है मेरी जाँ (मेरी जाँ)
ओ, मेरा जहाँ तू ही है, मेरा आसमाँ तू ही है
है तू ही मेरी जाँ

(क्या-क्या-क्या-क्या) क्या हुआ हमें ये?
(क्यूँ-क्यूँ-क्यूँ-हु...) क्यूँ हुए जुदा यूँ हम?
दे बता

मे-मे-मे-मे-मे-मेरी जाँ (जाँ)
जान-ए-जाँ, तू सुन ले इल्तिजा-इल्तिजा
ये दिल की तुम हो रज़ा

रास्ते सभी खो गए कहीं
क्यूँ ना मिली हमें मंज़िलें?
तू दिखे जहाँ, मेरा है घर वहीं
कैसे अजीब ये सिलसिले?

ऐसे कहीं मिल जाएँ
कि फ़ासले मिट जाएँ
और हम ना हों जुदा

क्या हुआ, क्या हुआ हमें ये?
क्यूँ हुए, क्यूँ हुए जुदा यूँ हम?
दे बता

मे-मे-मे-मे-मे-मेरी जाँ (जाँ)
जान-ए-जाँ, तू सुन ले इल्तिजा-इल्तिजा
ये दिल की तुम हो रज़ा (हो रज़ा)

(क्या-क्या-क्या-क्या) क्या हुआ हमें ये?
(क्यूँ-क्यूँ-क्यूँ-हु...) क्यूँ हुए जुदा यूँ हम?

क्या तनहाई है? उलझी-उलझी
यादें आई हैं उनकी-उनकी



Credits
Writer(s): Rishi Rich, Yash Narvekar
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