52 Gaj Ka Daman

अपणा रूप, रंग सजाऊँ, मेहँदी हाथा में लगवाऊँ
पायल, कंगण भी मँगवाऊँ, फ़िर नीर भरण मैं जाऊँ
पायल, कंगण भी मँगवाऊँ, फ़िर नीर भरण मैं जाऊँ

घूँघट काणा सा काढूँ, ना कसर घालूँगी

५२ गज का दामण पहर मटक चालूँगी
५२ गज का दामण पहर मटक चालूँगी

गाँम में होवैगा आज खुड़का, जुत्ती मड़कण आली पहरूँ
छिड़ेगी बहुआ में तकरार जब मैं हवा की तरीआ लहरूँ

सोने की 'गुठी, गड़े में हार डालूँगी

५२ गज का दामण पहर मटक चालूँगी
५२ गज का दामण पहर मटक चालूँगी

झुमके काना के नए ल्याणे, मोटा पहरणा सै कोका
टीका लाल रंग का ल्याणा, देणा तागड़ी तै मौक़ा

मेरी चोटी न्यू बोलै, ढूँगे गैल हालूँगी

५२ गज का दामण पहर मटक चालूँगी
५२ गज का दामण पहर मटक चालूँगी

मेरा बलम कमावै चोखे, लाणे चूँदड़ में सितारे
Mukesh Jaji, तेरी कलमिया लिखै गीत प्यारे

होंठा पै लाली, आँख्या काजल घालूँगी

५२ गज का दामण पहर मटक चालूँगी
५२ गज का दामण पहर मटक चालूँगी

(५२ गज का दामण पहर मटक चालूँगी)
(५२ गज का दामण पहर मटक चालूँगी)

सोने की 'गुठी, गड़े में हार डालूँगी

५२ गज का दामण पहर मटक चालूँगी
५२ गज का दामण पहर मटक चालूँगी



Credits
Writer(s): Mukesh Jaji
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