Manzar

सुनो खुद से भी ज़्यादा मैंने तुम को है चाहा
सुनो हाथ में तेरा हाथ जब से है माँगा
तुम बन गए हो आसमाँ
तुम से है दोनों ये जहाँ

मंज़र हसीं सा लगे जब साथ हो तुम मेरे
क़ुर्बत में तेरी हमें सुकून दिल का मिले
मंज़र हसीं सा लगे जब साथ हो तुम मेरे

तेरे बिन मेरा एक भी लमहा कटता नहीं
तेरे बग़ैर ये दिल सँभलता नहीं
तुम ही हो साँसों में, एहसासों में हो तुम्ही
कैसे करूँ बयाँ बातें अनकही?

तेरे ही लिए हूँ मैं जिया
माँगी है तेरी ही दुआ
जो खुदा से तू ना अता हुआ
कर दूँगा खुद को फ़ना

मंज़र हसीं सा लगे जब साथ हो तुम मेरे
क़ुर्बत में तेरी हमें सुकून दिल का मिले
मंज़र हसीं सा लगे जब साथ हो तुम मेरे



Credits
Writer(s): Mohit Manuja, Sayam Qureshi
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