Nayi Dhoop (Reprise)

माना कि आजकल रूठा वक्त है
ज़िंदगी का सफ़र थोड़ा सख़्त है

रुका हुआ है इस जहाँ का कारवाँ
ये रात जाएगी गुज़र, तू देखना

नई धूप है खिड़कियों पे, इसे आने दे
अँधेरे हैं किस काम के? तू इन्हें जाने दे
नई धूप है खिड़कियों पे, इसे आने दे
अँधेरे हैं किस काम के? तू इन्हें जाने दे

ये ज़िंदगी फिर से नई ले आएगी एक सुबह
आगे बढ़ा अपने क़दम, कल जो हुआ, भूल जा

यक़ीन रख, नहीं तू खुद से हारना
है लाख मुश्किलों से तुझ को जीतना

नई धूप है खिड़कियों पे, इसे आने दे
अँधेरे हैं किस काम के? तू इन्हें जाने दे
नई धूप है खिड़कियों पे, इसे आने दे
अँधेरे हैं किस काम के? तू इन्हें जाने दे



Credits
Writer(s): Tanishk Bagchi, Rashmi Virag
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link