Meethi Aawaz

आज भी मुझे याद है वो धुन
नर्म हाथों से मुझे गोदी में तू सुलाए रे
मीठी वो आवाज़ भी सपनों संग झुलाए रे

रूह की पाकीज़गी तेरी ख़ुदा-ए-नूर है
सादगी सी ज़िंदगी जीना तेरा ग़ुरूर है
हँस के जो आँसू बहाए वो तुझे मंज़ूर है

ग़म को आसानी से यूँ हँस के तू भुलाए रे
मीठी वो आवाज़ भी सपनों संग झुलाए रे



Credits
Writer(s): Divij Naik
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