Wapas Zaroor Aana

क्या था ख़ास उस नज़र में
के हज़म नहीं कर पा रहा जिसे भुलना दिल मेरा।

क्या था ख़ास उस नज़र में
के हज़म नहीं कर पा रहा जिसे भुलना दिल मेरा।

चलो छोड़ो
चलो छोड़ो दिल तो मेरा अभी बच्चा हैं
वक्त के साथ सिख जाएगा अकेले जीना।

पर ऐसा ही क्यों होता हैं ज़रा बताओं ना
के जिन्हें चाहूं बेइंतेहा बस वहीं मिलेना।

एक दिन आँखे मेरी मुझसे बोलीं
एक दिन आँखे मेरी मुझसे बोलीं
कि ये दिल बड़ा ही कमिना

जो नामुमकिन हैं मिलना इन्हे तो बस वहीं है देखना।

गलती तो इसमें आंखो की ही है
अगर उस दिन उन्हें न देखता
तो भला क्यों बढ़ा देता दिल अपना धड़कना ।
तो भला क्यों बढ़ा देता दिल अपना धड़कना

चलो मान लेते हैं
चलो मान लेते हैं

कि गलती पूरी मेरी ही थीं कि मैं ही गुज़रा था उस गली से ना
पर मेरी आँखे जिन्हें देख रहीं थीं उनकी आँखो को भी तो था मुझे ही देखना ।

पर मेरी आँखे जिन्हें देख रहीं थीं उनकी आँखो को भी तो था मुझे ही देखना ।

उस दिन से उस गली में अब रोज़ का बन गया हैं मेरा भटकना
फ़ुरसत मिले कभी तो वहीं पे मिलना, एक दिन वापस ज़रूर आना
एक दिन वापस ज़रूर आना।



Credits
Writer(s): Akash Gomkale
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