Bholenath Teeno Lokon

तीनो लोकों के स्वामी त्रिलोचन त्रिशूलधारी।
पीड़ित की पीड़ा हरते देवाधि देव त्रिपुरारी।
जो हर विपदा में थाम ले हाथ हैं।
कोई और नहीं वो मेरे भोलेनाथ हैं।
भक्तों का देते जो सदा ही साथ हैं।
कोई और नहीं वो मेरे भोलेनाथ हैं।

प्रीत लगालो इनसे, इनका ही दिया है चोला।
ये जग वाले क्या देंगे, देने वाले हैं भोला।
प्रेम भरे दो नेत्र और तीजे में है शोला।
भक्तों के लिए जिसने अपना भंडार है खोला।
जो हर विपदा में थाम ले हाथ हैं
कोई और नहीं वो मेरे भोलेनाथ हैं।
भक्तों का देते जो सदा ही साथ हैं।
कोई और नहीं वो मेरे भोलेनाथ हैं।

भंडारी, त्रिभुवन, महादानी हैं कैलाशी।
अनादि, अनंत अनामय और प्रभू अविनाशी।
परमेश्वर परमात्मा हैं भक्त हृदय के वासी
है सारा जगत मुट्ठी में फिर भी है भेष सन्यासी।
जिनकी इच्छा से होते दिन-रात हैं।
कोई और नहीं वो मेरे भोलेनाथ हैं।
भक्तों का देते जो सदा ही साथ हैं।
कोई और नहीं वो मेरे भोलेनाथ हैं।



Credits
Writer(s): Amitabh Ranjan
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