Na Sata

कब से हैं हम लापता, हमें ना पता (हाँ)
लम्हा गुज़रता गया, हम फिर भी यहाँ (हाँ)
कब से हैं हम लापता, हमें ना पता (हाँ)
लम्हा गुज़रता गया, हम फिर भी यहाँ (हाँ)

और फिर आई तू, साँस लहराए क्यूँ?
रंग बिखराए यूँ जादू तेरा
अब जो तुम आए हो, छोड़के जाओ ना
छोटी सी बात मेरी मान जा

ना सता, ना सता
ना सता, ना सता
मान जा, मान जा
मान जा, मान जा

रुक सी गई थी जमीं, रुका आसमाँ (हाँ)
जिसकी कमी थी हमें, वो मंज़िल कहाँ (हाँ)
रुक सी गई थी जमीं, रुका आसमाँ (हाँ)
जिसकी कमी थी हमें, वो मंज़िल कहाँ (हाँ)

और फिर आई तू, रोशनी छाए क्यूँ
इत्र बिखराए यूँ हसना तेरा
अब जो तुम आए हो, छोड़के जाओ ना
इतनी सी बात मेरी मान जा

ना सता, ना सता
ना सता, ना सता
मान जा, मान जा
मान जा, मान जा
ना सता



Credits
Writer(s): Saurabh Durgesh
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