Safar

इन राहों में चलते हुए
चल पड़ा हूं मैं एक सफ़र पे।
यादों से घिरे, ख़्वाबों के तले,
मेरी मंजिल अब है कहां?

ये रस्ते हैं नये,
अनजाना है ये सफ़र।
अब जाऊं कहां? यहां या वहां?
जा रहा हूं ना जाने किधर।

हौसला है बुलंद और आंखें हैं बंद,
आशाओं के पुल बांधे चला हूं।
मौसम के रंग में, इस फिज़ा संग मैं,
बढ़ चुका हूं मैं अब ना रुकूं।

क्योंकि कह रहा है ये दिल,
मंज़िल जाएगी मिल।
पर ये यादें मुझे ना कभी
देगी जीने।

सपने सच होंगें कभी,
और ख़ुश होंगें सभी।
पर ये दुनिया मुझे ना कभी
देगी जीने।

चलते रहना है इन राहों पर,
दिन गए, रातें भी कट गई।
कुछ ना मिलता यहां, मिट्टी की दुनिया,
फिर भी भागें सभी बस यहां।

हो सकता हूं मैं ग़लत,
मुझे ना पड़े अब फरक।
समा है नया, पर मै चलता गया,
ना जानूं मै रुकना कहां।

फूल खिलते रहे, लोग मिलते रहे,
है ना कोई यहां हमसफ़र।
वक्त के घेरे में, डर भी है मेरे में,
रुकना चाहूं पर रुक ना सकूं।

क्योंकि कह रहा है ये दिल,
मंज़िल जाएगी मिल।
पर ये यादें मुझे ना कभी
देगी जीने।

सपने सच होंगें कभी,
और ख़ुश होंगें सभी।
पर ये दुनिया मुझे ना कभी
देगी जीने।

ये रस्ता और ये सफ़र,
खो गया हूं मैं इधर।
बदला हूं मैं इस कदर,
कुछ ना आए मुझको नज़र।

ज़िंदा हूं मैं अब बस यहां,
बन गया हूं मैं किस्सा नया।
ढूंदुंगा अब रस्ता वहां,
सब की खुशियां हैं जहां।

क्योंकि कह रहा है ये दिल,
मंज़िल जाएगी मिल।
पर ये यादें मुझे ना कभी
देगी जीने।



Credits
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link