Lamhon Ki Guzaarish

ये लम्हों की गुज़ारिश है
तुझे पा लूं, ये ख़्वाहिश है
जो लफ़्ज़ों में, मैं कर ना सका
बयां तू वो इबादत है...

ये लम्हों की गुज़ारिश है
तुझे पा लूं, ये ख़्वाहिश है
जो लफ़्ज़ों में, मैं कर ना सका
बयां तू वो इबादत है...

काश मैं तेरे होंठों की वो, हंसीं बातें बनूं
जो मीठी सी लगे
फिर कहीं से ढुंढूं वो ख़ुशी, तेरे चेहरे पे जो
सुबह बनके खिले
नए ख़्वाब बुनलूं तेरे खा़तिर, भूल जाऊं मैं जहां फिर
साया बनके मैं तेरा जियूं
ये लम्हों की गुज़ारिश है
तुझे पा लूं, ये ख़्वाहिश है
जो लफ़्ज़ों में, मैं कर ना सका
बयां तू वो इबादत है...

दिल कहे तुझे ले जाऊं मैं सितारों में कहीं
वहां पे हम रहें
दूर हो कहीं पे वो जगह, ख़यालों से परे
जिसे जन्नत कहें
वहां शोर भी ना कोई होगा, मेरी बाहों में तू होगा
खो जाएंगे फ़ना होकर

ये लम्हों की गुज़ारिश है
तुझे पा लूं, ये ख़्वाहिश है
जो लफ़्ज़ों में, मैं कर ना सका
बयां तू वो इबादत है...



Credits
Writer(s): Atish Badoliya
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