Chithi Khat Aur Tum

चिठ्ठी, ख़त और तुम
तीनों नहीं आते
चिठ्ठी, ख़त और तुम
तीनों नहीं आते

क़िस्से, कहानी और धुन
तीनों नहीं सुनाते

किससे कहूँ ज़िंदगी
तुमसे ही तुमसे थी
नाराज़ हूँ खामोशी
तुमसे ही तुमसे थी

वो आधी-अधूरी हैं बातें
पूरी करो तुम वो आके
वो थामी थी तुमने जो बाँहें
थामो उन्हें फिर से आके

क़िस्सेसी है ज़िंदगी
मैं वही, तुम नहीं
नाराज़ हूँ ख़ामोशी
तुमसे ही तुमसे थी

वो सारी हमारी थी यादें
अधूरी है छूटी वो रातें
वो चुपचाप करते हैं बातें
ला ला ला

चिठ्ठी, ख़त और तुम
तीनों नहीं आते



Credits
Writer(s): Aanchal Shrivastava
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