dil-e-nadan tujhe hua kya hai

दिल-ए-नादां तुझे हुआ क्या है
आखिर इस दर्द की दवा क्या है

हम हैं मुश्ताक़ और वो बेज़ार
या इलाही, ये माजरा क्या है

मैं भी मुह में ज़ुबान रखता हूँ
काश पूछो की मुद्दा क्या है

मैने माना कि कुछ नहीं "ग़ालिब"
मुफ़्त हाथ आये, तो बुरा क्या है



Credits
Writer(s): Mirza Ghalib, Nihaarika Sinha
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