Ho Bas Tum

कैसे दिल का हाल बताएं
तुमको देखें या आँखें मूँद आएं

कैसे दिल का हाल बताएं
तुमको देखें या आँखें मूँद आएं

वादियों में भी सूनापन है
पास हो तो हर मौसम है
तुम
हो बस तुम
है गुम
हो बस तुम

धीरे धीरे पर्दा ये खुलता ही जाए
लुका छुपी खेले और खुद मिल जाए
नशा जो तेरी बातों में है
सुरूर हल्का इन आँखों में है गुम
हो बस तुम (हो बस तुम)
है गुम
हो बस तुम

तेरे खयालों की बरखा है छाई
जीवन में मेरे सवेरा ले आई
बनके जैसे खुदा

खयालों के छूने में इक एहसास है
बरसों में जैसे उठा एक ख्वाब है
ना हो सकेंगे जुदा

दिल ये तुमको पूछ रहा है
साथ धड़कने के ख्वाब रहा है बुन
हो बस तुम (हो बस तुम)
है गुम हो बस तुम



Credits
Writer(s): Nitesh Rajesh
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