Khwahish

ख्वाबों से भी
मजबूरियां है
बढ़कर यहां
तो थोड़ी जगाह
अपने लिए तुम
भी रख लेना वहां

बिनमर्जियां सी ये दूरियां
तोड़ गए जाने कितने जहां
होती भी है क्या पूरी भी ये
कोई जगाह ये कहानियां

ख्वाहिश नही ये के तु मिल जाए
जैसे कभी था मेरा
किसी दिन ये रहे मिल जाए अपने
तो मुस्कुरा तुम देना

उन लम्हों में भी तो था ही
कैसी होगी ये दास्तान
कोशिश तो थी के प्यार नही
यारी तो है दरमिया

बिनमर्जियां सी ये दूरियां
बिखरे है जाने कितने जहां
होती भी है क्या पूरी भी ये
कोई जगाह ये कहानियां

ख्वाहिश नही ये के तु मिल जाए
जैसे कभी था मेरा
किसी दिन ये रहे मिल जाए अपने
तो मुस्कुरा तुम देना

ओ खुदा रे, ये बता दे
केसा है ये सिला
क्यूं मिलाए ऐसे लकीरे
जो मिला ना सके

दे दे अब सारे झूठे दिलासे
छीने है तूने जो अपना बनाके
मांगू में फिर भी
उनकी दुआएं
खुश वो रहे सारे जहां में



Credits
Writer(s): Jainam Mehta
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