Jab Bhi Kisi Nigah Ne Mausam Sajaye Hain - Live

जब भी किसी निगाह ने मौसम सजाये हैं
तेरे लबों के फूल बहुत याद आये हैं

निकले थे जब सफ़र पे तो महदूद था जहाँ
तेरी तलाश ने कई आलम दिखाए हैं

रिश्तों का ऐतबार, वफाओं का इंतज़ार
हम भी चिराग ले के हवाओं में आये हैं

रास्तों के नाम, वक़्त के चेहरे बदल गए
अब क्या बताये किसको कहाँ छोड़ आये हैं

ए शाम के फरिश्तो ज़रा देख के चलो
बच्चों ने साहिलों पैर घरोंदे बनाये हैं



Credits
Writer(s): Nida Fazli
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