Ankahi

बाते कुछ है अधूरी यहां
जाने कब पूरी होगी बता
तेरे मेरे बीच में क्या है बता
मिटा दू सब जो भी है फासला
क्यों, हैं तू यूं खफा
जाने क्यूं है यह दूरियां
क्यों, हैं तू यूं खफा
जाने क्यूं है यह दूरियां
अनकही सी हैं कुछ पल यहां
जाने कब यह पूरी होगी बता
अनकही सी हैं कुछ पल यहां
जाने कब यह पूरी होगी बता।

जाने कब शुरू होगी सुबह
ना ख़तम हो अब यह रातें
यूंही मिलते रहे हम यहां
चलती रहे तेरी मेरी मुलाकातें
क्यूं है तू यूं जुदा
जाने क्यूं है तू यूं खफा
क्यूं है तू यूं जुदा
जाने क्यूं है तू यूं खफा
अनकही सी हैं कुछ पल यहां
जाने कब यह पूरी होगी बता
अनकही सी हैं कुछ पल यहां
जाने कब यह पूरी होगी बता।



Credits
Writer(s): Arko Kar
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