Shiddat

अधूरा रहा तेरे बिना

तुम से जुदा हूँ, फिर भी जुड़ा
अधूरा रहा तेरे बिना
तुम से जुदा हूँ, फिर भी जुड़ा

रात-दिन बेवजह
पागलों की तरह तुझ को चाहता रहा

कितनी शिद्दत से माँगा, कितनी शिद्दत से माँगा
जाने बस मेरा ही खुदा (मेरा ही खुदा)
मेरे दिल के शहर में दो पल भी ना रुका तू
गुज़रा है मौसम की तरह

कैसे कहूँ, कैसे कहूँ कि तुम हो क्या?
कोई नहीं, कोई नहीं तेरे सिवा

गीतों में, रागों में, मैंने इन हाथों में
तुझ को लकीरों सा लिखा
तुम को भुला ना पाऊँ, खुद को मिटा ना पाऊँ
कैसी है, कैसी है सज़ा?

रात-दिन बेवजह
पागलों की तरह तुझ को चाहता रहा

कितनी शिद्दत से माँगा, कितनी शिद्दत से माँगा
जाने बस मेरा ही खुदा (मेरा ही खुदा)
मेरे दिल के शहर में दो पल भी ना रुका तू
गुज़रा है मौसम की तरह

अधूरा रहा तेरे बिना

तुम से जुदा हूँ, फिर भी जुड़ा
अधूरा रहा तेरे बिना



Credits
Writer(s): Deb
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