Kya Khoob Banaya Hai

बनाने वाले ने क्या ख़ूब बनाया है तुम्हें
बनाने वाले ने क्या ख़ूब बनाया है तुम्हें
सजाने वाले ने क्या ख़ूब सजाया है तुम्हें

बनाने वाले ने क्या ख़ूब बनाया है तुम्हें
बनाने वाले ने क्या ख़ूब बनाया है तुम्हें
सजाने वाले ने क्या ख़ूब सजाया है तुम्हें
बनाने वाले ने क्या ख़ूब बनाया है तुम्हें

फ़रिश्ते तुम्हें देख कर जन्नत भूल जाएँगे
तू वो हीरा है जिसे जोहरी ना परख पाएँगे
तू वो हीरा है जिसे जोहरी ना परख पाएँगे
इस हीरे को हमने दिल की अँगूठी में सजाया है

जिस पर तुम्हारी नज़र जाती होगी
उसकी भी तक़दीर सँवर जाती होगी
उसकी भी तक़दीर सँवर जाती होगी
चाहत के हर रंग से तेरा हुस्न सजाया है

तुम्हें देख कर ऐसा लग रहा है मुझे
चाँद ज़मीं पर उतर आया है
चाँद ज़मीं पर उतर आया है
बरसों से जो दर्द छुपा था

आज वो फिर से उभर आया है
बनाने वाले ने क्या ख़ूब बनाया है तुम्हें
बनाने वाले ने क्या ख़ूब बनाया है तुम्हें
बनाने वाले ने क्या ख़ूब बनाया है तुम्हें



Credits
Writer(s): Azam Ali Mukarram
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