Na Koi Deep Jala

ना कोई दीप जला, ना ये रातें रोशन हुई
जब से गए हो तुम छोड़कर
बदनाम सारे जहां, से मैं होने लगा
जब से गए हो तुम छोड़कर

आके कर दे तू रोशनी
फ़ीकी सी मेरी ये ज़िंदगी
ला दे फ़िर से वो तू जलते दीप
कभी जल रहे थे जो तेरे साथ

गुमनाम हर मोड़ पर, मैं तुझको तकने लगा
जब से गए हो तुम छोड़कर
तेरी कही वो बातें, पन्नों पर है लिपटी हुई
जब से गए हो तुम छोड़कर

आके कर दे तू रोशनी
फ़की सी मेरी ये ज़िंदगी
ला दे फ़िर से वो तू जलते दीप
कभी जल रहे थे जो तेरे साथ
दिल के पास

आजा तू इन ख़्वाबों से निकलकर
जिनमें तुम हो बसे (बसे, बसे)
बहकने लगी है धड़कनें आज भी
सुनते ही तेरा नाम



Credits
Writer(s): Vipin Singh
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