Bulawa Aaya Re

अरे रे, आज ये बुलावा आया रे
अरे रे, तन से है छूटा साया रे

कहाँ ये डगर चली है? कोई जाने ना
बदली जो सूरत, कोई पहचाने ना
रहे पीछे सारे रिश्ते-नाते सब भले
राही ये राह पकड़ अब चला ही चले

अरे रे, अरे रे
आज ये बुलावा आया रे
अरे रे, कैसा ये बुलावा आया रे?
क्यूँ है ये बुलावा आया रे?

रस्ते, गलियाँ, घर के कोने वहीं रह गए
हम भी यहाँ थे अपने, कोई ना कहे
साँसों की माला बिखरी, कैसे बुनें?
गाए थे जो गीत पुराने, कोई ना सुने

अरे रे, अरे रे
अपना है कितना अपना रे
आख़िर इस रीत को जाना रे



Credits
Writer(s): Sagar Desai, Neeraj Pandey
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