Buniyaad (lo-fi reprise)

कह दो कि मेरी राहों में
हाथ मेरे को तुम थामे रहोगे
कह दो कि जो चलूँ कहीं तो
मेरी परछाइयों में तुम शामिल रहोगे

उड़ने लगूँ मैं यूँ कहीं
तो ज़मीन पे तुम ले आओगे
हाँ, मस्ती में जो गिरने लगूँ तो
तो काँधे मेरे से तुम मुझे थामे रहोगे

ये कह दो कि ग़लती करूँ तो
यूँ मुस्कुराके तुम मुझे पागल कहोगे

कि फ़िर ऐसे कभी तोहफ़ा कोई लाना यूँ ही
फ़िर नाम मेरा लेना यूँ ही

कह दो कि हर वक़्त मेरे में
बुनियाद मेरी तुम यूँ बनके रहोगे
कह दो कि...



Credits
Writer(s): Himonshu Hrishikesh Parikh, Sahil Shah, Rajan Batra, Stuart Kenneth Dacosta, Vaibhav Pani
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