Roshni

रात है सुबह भी होगी
मेरी तरह तुझमें भी ख़्वाहिशें होंगी
कर सफ़र तू हर सफल
हर मकाम को तू पार कर

रोशनी कर रही तेरा इंतज़ार
रोशनी में खुद को घोल दे
आज सबकुछ बोल दे
सुन ले अपने मन की भी कभी
आज़ाद है तू

आज़ाद है तू

आज़ाद है तू
तू है तो मैं भी हूँ ना
दर्द तुझे होगा तो मुझको भी
बेख़बर है तू लेकिन
तेरा ही तो मैं आकार हूँ

रोशनी कर रही तेरा इंतज़ार
रोशनी में खुद को घोल दे
आज सबकुछ बोल दे
सुन ले अपने मन की भी कभी
आज़ाद है तू

आज़ाद है तू
रोशनी कर रही तेरा इंतज़ार
रोशनी में खुद को घोल दे
आज सबकुछ बोल दे
सुन ले अपने मन की भी कभी
आज़ाद है तू

Hmm, आज़ाद है तू
रोशनी



Credits
Writer(s): Rahul Shah
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link