Awara Panchhi

एक पंछी आवारा
कुछ सपनों का मारा
वो बादल के आगे
क्या ढूंढ़ने चला

एक पंछी आवारा
कुछ सपनों का मारा
वो बादल के आगे
क्या ढूंढ़ने चला
कुछ पेड़ों पे चढ़के
तूफानों से लड़के
उसको जाना कहाँ था
उसको भी ना पता
उन आँखों के पीछे
कुछ सपने थे मीचे
जो कोई ना समझा
और किसी ने ना सुना
उन आँखों के पीछे
कुछ सपने थे मीचे
जो कोई ना समझा
किसी ने ना सुना
आवारा एक पंछी
कहाँ को उड़ चला
आवारा एक पंछी
हवाओं में बह चला

वो मंज़र भी आया
जब था सूखा सा छाया
वो तो पलकों में बूँदें समेटता रहा
हो बारिश का साया
या फिर बदल गर्जाया
वो हर मुश्किल के रुख को भी मोड़ता रहा
उन आँखों के पीछे
कुछ सपने थे मीचे
जो कोई ना समझा
किसी ने ना सुना
उन आँखों के पीछे
कुछ सपने थे मीचे
जो कोई ना समझा
किसी ने ना सुना
आवारा एक पंछी
कहाँ को उड़ चला
आवारा एक पंछी
हवाओं में बह चला

वो सपनों को संभाले
या उमीदों की पनाह ले
वो ना जानता
वो डर से हार माने
या उसको अपना जाने
वो ना जानता
आवारा एक पंछी
कहाँ को उड़ चला
आवारा एक पंछी
हवाओं में बह चला
आवारा एक पंछी
कहाँ को उड़ चला
आवारा एक पंछी
हवाओं में बह चला



Credits
Writer(s): Vaibhav Srivastava
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