Kuch Lafz

कुछ लफ्ज़ तुम्हारे होंगे
कुछ अल्फ़ाज़ हमारे
कुछ पुराने ज़ख्म हरे होंगे
हमेशा को भर जाने
कुछ आँसू तुम्हारे होंगे
कुछ अश्क हमारे
कुछ लफ्ज़ तुम्हारे होंगे

बिसरी यादों की लड़ियाँ आएंगी
हमारी शामों में टिमटिमाने
कुछ शिकवें तुम्हारे होंगे
कुछ गिलें हमारे
कुछ उल्लास की मीठी नदियां बहेंगी
हमारे अफ़सोस की प्यास बुझाने
कुछ साँसे तुम्हारी उलझेंगी
कुछ धड़कनें हमारी
कुछ जज़बातों के पुल यूँ टूटेंगे
हमारी हदों को फिर मिलाने
कुछ जज़बातों के पुल यूँ टूटेंगे
हमारी हदों को फिर मिलाने
कुछ आँसू तुम्हारे होंगे
कुछ अश्क हमारे
कुछ लफ्ज़ तुम्हारे होंगे



Credits
Writer(s): Anita Singh, Sharad Joshi
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