Aabaad Barbaad (Mashup)

या तो बरबाद कर दो, या फ़िर आबाद कर दो
या तो बरबाद कर दो, या फ़िर आबाद कर दो
"वो ग़लत था, ये सही है," झूठ ये आज कह दो
"मेरी साँसों से जुड़ी है तेरी हर साँस," कह दो

मुश्किल आसान कर दो
या तो बरबाद कर दो
या फ़िर आबाद कर दो
या तो बरबाद कर दो

मेहरबानी जाते-जाते मुझ पे कर गया
गुज़रता सा लमहा एक दामन भर गया
तेरा नज़ारा मिला, रोशन सितारा मिला
तक़दीर की कश्तियों को किनारा मिला

सदियों से तरसे हैं जिस ज़िंदगी के लिए
तेरी सोहबत में दुआएँ हैं उसी के लिए
तेरा मिलना है उस रब का इशारा
मानो मुझ को बनाया तेरे जैसे ही किसी के लिए

कुछ तो है तुझ से राबता
कुछ तो है तुझ से राबता
कैसे हम जानें? हमें क्या पता
कुछ तो है तुझ से राबता

तू हमसफ़र है, फ़िर क्या फ़िकर है?
जीने की वजह यही है, मरना इसी के लिए
कहते हैं, "खुदा ने इस जहाँ में सभी के लिए
किसी ना किसी को है बनाया हर किसी के लिए"



Credits
Writer(s): Pritaam Chakraborty, Sandeep Srivastava
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