Khushbu Jaise Log

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में, अनजाने में
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में

जाने किसका ज़िक्र है इस अफ़साने में
जाने किसका ज़िक्र है इस अफ़साने में
जाने किसका ज़िक्र है इस अफ़साने में
दर्द मज़े लेता है जो दोहराने में
दर्द मज़े लेता है जो दोहराने में

एक पुराना ख़त खोला अनजाने में, अनजाने में
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में

Umm, दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है
दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है
किसकी आहट सुनता हूँ वीराने में
किसकी आहट सुनता हूँ वीराने में

एक पुराना ख़त खोला अनजाने में, अनजाने में
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में

हम इस मोड़ से उठकर अगले मोड़ चले
हम इस मोड़ से उठकर अगले मोड़ चले
उनको शायद देर लगेगी आने में

हम इस मोड़ से उठकर अगले मोड़ चले
हम इस मोड़ से उठकर अगले मोड़ चले
हम इस मोड़ से उठकर अगले मोड़ चले
उनको शायद उम्र लगेगी आने में
उनको शायद उम्र लगेगी आने में

एक पुराना ख़त खोला अनजाने में, अनजाने में
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में



Credits
Writer(s): Gulzar, Bhupender Singh
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