Guzaarish

है यही गुज़ारिश कि वक्त थम जाए
ज़िद ये तेरी आज मेरी कहीं जाँ ना ले जाए
है यही गुज़ारिश कि वक्त थम जाए
ज़िद ये तेरी आज मेरी कहीं जाँ ना ले जाए

जज़्बात की ये स्याही मेरा काजल बन जाए
बाँहों में काश तेरी मेरी रात गुज़र जाए

रुक जाओ, ठहर जाओ, दिल कुछ देर सँभल जाए
पल दो पल जी लूँ मैं, फिर जाँ मेरी ये निकल जाए
रुक जाओ, ठहर जाओ, दिल कुछ देर सँभल जाए
पल दो पल जी लूँ मैं, फिर जाँ मेरी ये निकल जाए

भीगी पलकों में तस्वीर है तेरी
बस जाए यूँ ही आँखों में तू मेरी
चाँदनी रातों में भी क्यूँ जलती हूँ हल्की-हल्की?

ख़ाहिश यही है मेरी, तू सागर बन जाए
भीग जाऊँ आज तुझ में, अगन मेरी बुझ जाए

रुक जाओ, ठहर जाओ, दिल कुछ देर सँभल जाए
पल दो पल जी लूँ मैं, फिर जाँ मेरी ये निकल जाए
रुक जाओ, ठहर जाओ, दिल कुछ देर सँभल जाए
पल दो पल जी लूँ मैं, फिर जाँ मेरी ये निकल जाए



Credits
Writer(s): Sushant, Shankar, Ashish Pandit
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