Laaree Chootee

क़िस्मत का खेल है सारा, फिरता था मैं आवारा
ये क्या से क्या हो गया?
चार दिन की ज़िंदगानी, हर पल एक नई कहानी
क्या था मैं, क्या बन गया

क्या हुआ जो लारी छूटी, जीवन की गाड़ी लूटी
ख़्वाब है तो मुझ को ना जगा
ज़िंदगी एक पल में साली, यूँ पलट गई हमारी
झूठ है तो मुझ को ना जगा

कर लो जो भी करना है, होता है जो होना है
गुज़रा जो पल ये, फिर ना आएगा
क्या बुरा है? क्या भला है? वक्त ही शायद खुदा है
हो जाने दो, फिर देखा जाएगा

क्या हुआ जो लारी छूटी, जीवन की गाड़ी लूटी
ख़्वाब है तो मुझ को ना जगा
ज़िंदगी एक पल में साली, यूँ पलट गई हमारी
झूठ है तो मुझ को ना जगा



Credits
Writer(s): Iqbal Raakin
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