Jee Chaahe

रेशम से चाँद के नीचे, पश्मीने की चादर सा
तुम्हें मैं ओढ़ूँ, जताऊँ कि बस इतना है प्यार
बारिशों के नीचे जैसे छतरी बनके मैं तुम्हारी भी
भीग जाऊँ, बताऊँ तुम्हें, करूँगा ये हर बार

आसमाँ जला है आज तेरी रोशनी से
धड़कनें हैं दौड़ रहीं तेरी मौजूदगी में

ਮਾਹੀ, मेरा जी चाहे, चाहे
बस तेरी बाँहें, बाँहें, बाँहें
ਮਾਹੀ, मेरा जी चाहे, चाहे
बस तू ना जाए, जाए, जाए

इन लफ़्ज़ों की ख़ूबसूरती तुम्हारे आगे लागे फीकी-फीकी
कैसे बताऊँ, जताऊँ तुम्हें ये प्यार बेशुमार?
बीत जाए मेरी ज़िंदगी इस लम्हे में ही
तुम पास आओ तो बताऊँ तुम्हें ये बातें बार-बार

रास्ते मिलेंगे आज रोशनी से तेरी
महफ़िलें सजेंगी फ़िर मंज़िलों में तेरी

ਮਾਹੀ, मेरा जी चाहे, चाहे
बस तेरी बाँहें, बाँहें, बाँहें
ਮਾਹੀ, मेरा जी चाहे, चाहे
अब तू ना जाए, जाए, जाए

अब तू ना जाए



Credits
Writer(s): Sagar Verma
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