Tum Mere Ho

दिल (दिल) मेरा (मेरा)
मेरे बस में नहीं था (नहीं था)
गुम (गुम) अकेले में (अकेले में)
सुनता मेरी वो वहीं था (वहीं था)

रुख़ मोड़ के टूटे दिल को लिए
ढूँढता ख़ुद में सारे गुण था
ख़ुद में ही गुम ख़ामोशी की बिगुल को
सुनता मैं हर पल वहीं था

आँखों में गुम जब होता कभी था, किसी से ना कहता कभी
सोचा था तब, काश होता कोई भी जिसे मैं भी कहता अभी

"तुम मेरे हो, मेरे हो
मेरे, मेरे तुम हो"
"तुम मेरे हो, मेरे हो
मेरे, मेरे तुम हो"

ख़ुशी से रमा और था दिलकश समाँ जिस दिन मुझे तू मिली
राहें चली जो रुकी थी पड़ी और उस दिन ख़ुशी सी मिली
नूर सी तुम मेरे दिल में बसी जो, दिल की भी ज़िद ना चली
करें वो भी क्या? चाहे तेरा जहाँ, तुझसे सुबह और है पल भी

ख़्वाहिश भी दिल अब तुम्हारी ही करता, चाहूँ मैं तुमको अभी
वैसे तो हर पल कहता हूँ फिर भी, सुन लो ना अब भी अभी

"तुम मेरे हो, मेरे हो
मेरे, मेरे तुम हो"
"तुम मेरे हो, मेरे हो
मेरे, मेरे तुम हो"



Credits
Writer(s): Kumar Aryan
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