Saath Mere

ख़ुद से ही बातें मैं करूँ
आधी-आधी रातों में जगूँ
ख़ुद से ही बातें मैं करूँ
आधी-आधी रातों में जगूँ

मन में ये बेचैनी है क्यूँ?
जब साथ मेरे है नहीं तू

पहचान अब कोई चेहरा नया
सब लगे है क्यूँ अलग सा यहाँ!
नाराज़ रहती हूँ ख़ुद से यूँ
ओढ़ी रज़ाई में ख़ुद को क़ैद करूँ

मन मेरा घबराए क्यूँ?
जब साथ मेरे है नहीं तू

ख़ामोशी अब है छाने लगी
तो रूह अब इस शोर से कहे
ढलती शामों से मैं आहे भरूँ
चिट्ठियों में तेरी ख़ुद को महफ़ूज़ रखूँ

मन में ये मायूसी है क्यूँ?
जब साथ मेरे है नहीं तू



Credits
Writer(s): Aayushi Patil
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link