Shiv Shiv Japaa Kar

(डम-डमा, डम-डमा, डम-डमा, डम-डमा)
(डम-डमा, डम-डमा-डम)
(डम-डमा, डम-डमा, डम-डमा, डम-डमा)
(डम-डमा, डम-डमा-डम)

चंचल मन
शिव-शिव, शिव-शिव जपा कर
हर-हर, हर-हर रटा कर
शिव-शिव, शिव-शिव जपा कर
हर-हर, हर-हर रटा कर

कर चिन्तन
शिव-शिव, शिव-शिव जपा कर
हर-हर, हर-हर रटा कर
शिव-शिव, शिव-शिव जपा कर
हर-हर, हर-हर रटा कर
चंचल मन

क्या मैं दे दूँ रंग की रंगाई
(क्या मैं दे दूँ रंग की रंगाई)
नेग भरूँ क्या मूरत दिखाई
(नेग भरूँ क्या मूरत दिखाई)
किस विध भोले करूँ रिझाई?
(किस विध भोले करूँ रिझाई?)
सबसे ऊँची प्रेम सगाई
(सबसे ऊँची प्रेम सगाई)
सिद्धि, साधन, ध्यान, समर्पण
तन, मन, धन, अर्पण

शिव-शिव, शिव-शिव जपा कर
हर-हर, हर-हर रटा कर
शिव-शिव, शिव-शिव जपा कर
हर-हर, हर-हर रटा कर

शिव-शिव, शिव-शिव जपा कर
हर-हर, हर-हर रटा कर
शिव-शिव, शिव-शिव जपा कर
हर-हर, हर-हर रटा कर

पाहन जड़ चेतन हो जाता
(पाहन जड़ चेतन हो जाता)
काल नाचता सबै नाचता
(काल नाचता सबै नाचता)
मौन ही भीतर अनहद गाता
(मौन ही भीतर अनहद गाता)
अरे, सारा विष अमृत हो जाता
(सारा विष अमृत हो जाता)
लोटा-सोटा और कमण्डल
डमरू की डम-डम

शिव-शिव, शिव-शिव जपा कर
हर-हर, हर-हर रटा कर
शिव-शिव, शिव-शिव जपा कर (चंचल मन)
हर-हर, हर-हर रटा कर

शिव-शिव, शिव-शिव जपा कर
हर-हर, हर-हर रटा कर (कर चिंतन)
शिव-शिव, शिव-शिव जपा कर
हर-हर, हर-हर रटा कर



Credits
Writer(s): Kailash Kher
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