Tere Aane Ke Baad

तेरे बदन की ये ख़ुशबू बहकने लगी
हो चारों तरफ़ जैसे कोई गुलाब
तेरी छूवन का है ये असर
यही ज़िंदगी, यही है सफ़र
ना कुछ और है

तेरे आने के बाद
चलने लगी ये धड़कन
तेरी नज़दीकियों से
है रोशन हुई ये ज़िंदगी

ना मैं कुछ कहूँ
ना तुम कुछ कहो
तेरे इन लबों को
मैं देखता रहूँ
दिनभर यूँ इस तरह

जो हो कुछ पलों के लिए तू जुदा
तेरी राह में ही गुज़रता समा
कह रही ये दास्ताँ

तेरे आने के बाद
चलने लगी है धड़कन
तेरी नज़दीकियों से
है रोशन हुई ये ज़िंदगी



Credits
Writer(s): Vipin Singh
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