Naraaz Si

तू है नाराज़ सी
मैं भी तो नाराज़ हूँ
कैसे कह दूँ कि मैं
बिन तेरे आबाद हूँ?

कैसी जीयेंगे? ना सोचा कभी
आया समझ में तुमको खो के

तू है नादान सी
मैं भी तो नादान हूँ
कैसे कह दूँ कि मैं
बिन तेरे आबाद हूँ?

हैराँ मैं भी तो हूँ
तुझसे ये कैसे कहूँ?
कि चाहत हो तुम मेरी
तुम बिन मैं कैसे रहूँ?

राहें अलग ये चाहे हो भी गई
रहना तो मैंने तेरे दिल में ही है

तू है (तू है) बेचैन क्यूँ? (बेचैन क्यूँ?)
आ तुझको आराम दूँ
ठहर जा (ठहर जा) दो पल को तू (दो पल को तू)
दो पल ना मैं भी चलूँ

तू है नाराज़ सी
मैं भी तो नाराज़ हूँ



Credits
Writer(s): Sanam Malik
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