Aayi Jagdamba Pyari

सौना भाग्य जगाड़वा आवि
माँ अम्बे हमारी
हो... कुमकुम पगले माँ पधार्या
माँ नी महिमा छे न्यारी
...
आज धन्य हुई ये धरती सारी
दरस करो आई जगदंबा प्यारी
आज धन्य हुई ये धरती सारी
दरस करो आई जगदंबा प्यारी
आज धन्य हुई ये धरती सारी
दरस करो आई जगदंबा प्यारी
उमड़ घुमड़ शक्ति के मिलन की
बरखा देखो बरसी आज
अंतर घट में ज्योत जगी है
ढोल नगाड़े रहें हैं बाज
उमड़ घुमड़ शक्ति के मिलन की
बरखा देखो बरसी आज
अंतर घट में ज्योत जगी है
ढोल नगाड़े रहें हैं बाज
रुत अलबेली आज है आई हो...
धन्य हुई ये धरती सारी
दरस करो आई जगदंबा प्यारी
आज धन्य हुई ये धरती सारी
दरस करो आई जगदंबा प्यारी
...
दुर्गा तू लक्ष्मी तू ही शारदा
हम पर किरपा तू करदे ज़रा
दुर्गा तू लक्ष्मी तू ही शारदा
हम पर किरपा तू करदे ज़रा
हे आदि शक्ति शेरा वाली माँ
तू है संग में तो खुश है धरा
हे जीरे... हे जीरे...

नाचें होके मगन पाके तेरी शरण
सब पावन हुए झूमे गाएँ
अरे छाई उमंग पाया भक्ति का रंग
ख़ुशियों में ना फूले समाए
घुमड़ घुमड़ शक्ति ना मिलन नी
बरषा देखो बरसी आज
तरिया तोरण द्वार पधाव्या
ढोल नगारा बागे आज
मौसम आ आनंद नी आवि हो...
धन्य हुई ये धरती सारी
दरस करो आई जगदंबा प्यारी
आज धन्य हुई ये धरती सारी
दरस करो आई जगदंबा प्यारी
...
हे जीरे... हे जीरे...
सौना भाग्य जगाड़वा आवि
जगदंबा माँ प्यारी
ममता आज लूटाववा आवि
करीने सिंह नी संवारी
भक्तों नी रक्षा काजे
माँ ए आयुध थाम्या
आवो सौ आजे लगाविए
माँ ना जयकारा हो...
माँ ना जयकारा हो...
माँ ना जयकारा हो...
बोल अम्बे माता नी

उमड़ घुमड़ शक्ति के मिलन की
बरखा देखो बरसी आज
अंतर घट में ज्योत जगी है
ढोल नगाड़े रहें हैं बाज
उमड़ घुमड़ शक्ति के मिलन की
बरखा देखो बरसी आज
अंतर घट में ज्योत जगी है
ढोल नगाड़े रहें हैं बाज
उमड़ घुमड़ शक्ति के मिलन की
बरखा देखो बरसी आज
अंतर घट में ज्योत जगी है
ढोल नगाड़े रहें हैं बाज
रुत अलबेली आज है आई हो...
हो... हो...



Credits
Writer(s): Divya Jyoti Jagrati Sansthan
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