Ishq Hua Jabse Tumse

इश्क़ हुआ जबसे तुमसे
लगने लगी हर बात नई
चाहत में भीगे हैं दिन
लगने लगी हर रात नई

ज़रा-ज़रा ख़ुमार सा है
ये दिल भी बेक़रार सा है
इश्क़ हुआ जबसे तुमसे
लगने लगी हर बात नई

तेरी यादों के साज़ बजे
मेरी आँखों में ख़्वाब सजे
तेरे-मेरे जुड़े सिलसिले
मेरी साँसों के रंग खिले
जादू अजब सा छाने लगा है

इश्क़ हुआ जबसे तुमसे
लगने लगी हर बात नई

मेरी सुबह हो तुमसे शुरू
शामें चाहें तुम्हें रू-ब-रू
मेरी है अब यही आरज़ू
बस तेरा ही बन के रहूँ
मेरी खुशियों की तू ही वजह है

इश्क़ हुआ जबसे तुमसे
लगने लगी हर बात नई
चाहत में भीगे हैं दिन
लगने लगी हर रात नई



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan
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