Sagar Se Milne - Jhankar

सागर से मिलने के लिए जो प्यासी नदिया चली
प्रीतम से मिलने के लिए वैसे ही प्रिया चली
मन मंदिर के इस आँगन में जीवन की ज्योत जली

उल्फ़त की रोशन गलियों में इक चंद्रप्रभा निकली
दो नज़रों में, दो बदनों में है चाहत की अग्नि
मन मंदिर के इस आँगन में जीवन की ज्योत जली



Credits
Writer(s): A.r. Rahman, P.k. Mishra
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