Kanha O Kanha

कान्हा, ओ, कान्हा, छेड़ दे मुरलिया
मन हुआ जाए बेचैन
कान्हा, ओ, कान्हा, छेड़ दे मुरलिया
मन हुआ जाए बेचैन

राह तेरी देखूँ दिन-रैन
राह तेरी देखूँ दिन-रैन
मन हुआ जाए बेचैन

हो, कान्हा, ओ, कान्हा, छेड़ दे मुरलिया
मन हुआ जाए बेचैन

पनघट पे नीर भरन जब आई
तूने ऐसी बँसी बजाई
ओ, हाथों से घट छूटा यमुना में
हो गई रह के ख़ुद से पराई

लत बँसी की तूने ऐसी लगाई
सुने बिन पाऊँ नहीं चैन

कान्हा, ओ, कान्हा, छेड़ दे मुरलिया
मन हुआ जाए बेचैन

राधा, ओ, राधा, छेड़ दे पायलिया
तुझे देखे बिना नहीं चैन
हो, राधा, ओ, राधा, छेड़ दे पायलिया
तुझे देखे बिना नहीं चैन

राह तेरी देखूँ दिन-रैन
राह तेरी देखूँ दिन-रैन
तुझे देखे बिना नहीं चैन

हो, राधा, ओ, राधा, छेड़ दे पायलिया
तुझे देखे बिना नहीं चैन

तेरे आवन की चाप को सुन के
मेरी मुरलिया ख़ुद ही बाजे
बँसी पे उँगलियाँ ख़ुद ही नाचे
तान मधुर राजा की साजे

हर पल राधा तेरा दर्शन चाहे
कान्हा के ये व्याकुल नैन

राधा, ओ, राधा, छेड़ दे पायलिया
हो, तुझे देखे बिना नहीं चैन

दर्शन में राधा, नैनों में राधा
और नैनों की आस में राधा
ओ, तान मुरलिया की छेड़ के कान्हा
हर ले राधा की हर बाधा

मेरी मुरलिया तो तुझको पुकारे
साँझ-सवेरे, दिन रैन

हो, राधा, ओ, राधा, छेड़ दे पायलिया
तुझे देखे बिना नहीं चैन
हो, कान्हा, ओ, कान्हा, छेड़ दे मुरलिया
मन हुआ जाए बेचैन

हाँ, छेड़ दे पायलिया
हाँ, छेड़ दे मुरलिया
छेड़ दे पायलिया
छेड़ दे मुरलिया
छेड़ दे पायलिया
हाँ, छेड़ दे मुरलिया



Credits
Writer(s): Manish, Navin
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