Nagri Ho Ayodhya Si

लक्ष्मण सा भाई हो, कौशल्या माई हो
स्वामी, तुम जैसा मेरा रघुराई हो
स्वामी, तुम जैसा मेरा रघुराई हो

नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो
चरण हों राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो
चरण हों राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो

हो त्याग भरत जैसा, सीता सी नारी हो
लव-कुश के जैसी संतान हमारी हो
लव-कुश के जैसी संतान हमारी हो

श्रद्धा हो श्रवण जैसी, शबरी सी भक्ति हो
हनुमत के जैसी निष्ठा और शक्ति हो
हनुमत के जैसी निष्ठा और शक्ति हो

मेरी जीवन नय्या हो, प्रभु राम खेवय्या हो
राम कृपा की सदा मेरे सिर पर छैया हो
राम कृपा की सदा मेरे सिर पर छैया हो

सरयू का किनारा हो, निर्मल जल धारा हो
दरश मुझे, भगवन, जिस घड़ी तुम्हारा हो
दरश मुझे, भगवन, जिस घड़ी तुम्हारा हो

नगरी हो अयोध्या सी, रघुकुल सा घराना हो
चरण हों राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो
चरण हों राघव के, जहाँ मेरा ठिकाना हो



Credits
Writer(s): Lovely Sharma, Traditional
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