Nayab

खोया सा था मैं था मैं अकेला
ढूंढ़ता उसे जो छुपा एक है हीरा
कैसा नसीब है मिली थी
पर में इधर और वह वहां

जब वह हस्सी थी दुनिया रुक जाये
पर उसी के पीछे वोह आँसू छुपाये
कैसे बताऊँ तेरी हर बूंद में
मैं बैह गया कहाँ

ऐसा क्या मेरे दिल में हुआ
की तू जो बैठी है मेरे बिना
ऐसे मैं गाऊं तुझे भूल ना पाऊं
तुन्हे जगा दिया
इस दिल की आवाज़

सपनो की दुनिया में रहता रहा
अंदर से थोड़ा मरता गया
कैसे जगाऊँ वहां मैं
हमेशा तेरा

हम दोनों अंदर से टूटे है
पर साथ शायद जुड़ जातें है
कैसे मैं जानूं तुन्हे कुछ
नहीं कहा

ऐसा क्या तेरे दिल में हुआ
की तू हमेशा अपने से खफा
कैसे दिखाओं मेरी नज़रों में
तू है नायाब

ऐसा क्या दोह लफ़्ज़ों का प्यार
की होने से पहले दिल टूट ही गया
में खो ही जाऊं तुझे इतना चाहूँ
वक़्त गुज़र गया
में हमेशा तेरा

ऐसा था की तू है नायाब
तेरे लिए बस हूँ में फ़िदा
कैसे जियूं मैं
तेरे बिन मैं तड़पता रहा
अब तू ही बता
क्या मैं तेरे दिल में रहा



Credits
Writer(s): Nikhil Swaroop
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