Majnu

मोहब्बत को बुरा क्यूँ कहूँ
जब क़िस्मत ही मेरी ख़राब है?
वो जा रही है तो जाने दो
मेरे पास मेरी शराब है

मेरे हाल बताते हैं कहानी मेरी
यार, बेवफ़ा निकली रानी मेरी

और एक मजनूँ मर जाएगा इश्क़ निभाते हुए
और एक मजनूँ मर जाएगा इश्क़ निभाते हुए
खुदा ने यही सोचा था हमें मिलाते हुए
और एक मजनूँ मर जाएगा इश्क़ निभाते हुए

पाबंदियाँ हटेंगी तो एक सफ़र पे निकलूँगा
और फिर रो पड़ूँगा तेरे शहर में आते हुए
पाबंदियाँ हटेंगी तो एक सफ़र पे निकलूँगा
और फिर रो पड़ूँगा तेरे शहर में आते हुए

और एक मजनूँ मर जाएगा इश्क़ निभाते हुए

ख़ैर, तू किस मुँह से उसके पास वापस गई...
ख़ैर, तू किस मुँह से उसके पास वापस गई

शर्म नहीं जिसे आती तुझ पे हाथ उठाते हुए?
और एक मजनूँ मर जाएगा इश्क़ निभाते हुए

दुनिया वाले "इश्क़" नहीं, इसे "खेल" कहते हैं
दुनिया वाले "इश्क़" नहीं, इसे "खेल" कहते हैं

'गर उसके आँसू नहीं निकलते तुझे रुलाते हुए
और एक मजनूँ मर जाएगा इश्क़ निभाते हुए
खुदा ने यही सोचा था हमें मिलाते हुए
और एक मजनूँ मर जाएगा इश्क़ निभाते हुए



Credits
Writer(s): Khuddar Shayar, Rahul Jain
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