Jinke Honthon Pe Hansi

जिन के होंटों पे हँसी, पाँव में छाले होंगे
जिन के होंटों पे हँसी, पाँव में छाले होंगे
हाँ, वही लोग तुम्हें ढूंढने वाले होंगे
जिन के होंटों पे हँसी, पाँव में छाले होंगे

मय बरसती है, फ़ज़ाओं पे नशा तारी है
मय बरसती है, फ़ज़ाओं पे नशा तारी है

मेरे साक़ी ने कहीं जाम उछाले होंगे
हाँ, वही लोग तुम्हें ढूंढने वाले होंगे
जिन के होंटों पे हँसी, पाँव में छाले होंगे

उन से मफ़्हूम-ए-ग़म-ए-ज़ीस्त अदा हो शायद
उन से मफ़्हूम-ए-ग़म-ए-ज़ीस्त अदा हो शायद

अश्क जो दामन-ए-मिज़्गाँ ने सँभाले होंगे
हाँ, वही लोग तुम्हें ढूंढने वाले होंगे
जिन के होंटों पे हँसी, पाँव में छाले होंगे



Credits
Writer(s): Ghulam Ali
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