Mere Meet

कल सुबह सामने
जो चुपके से देखा तुम्हें
जैसे कह रही थे ये तुम
मुझे बाँध लो बंधन में

कह रहा है मेरा, मेरा जिया
तू मेरे है दिल की डोर
मैं हूँ तेरा पिया

फ़िर से तेरी याद आई
पर तू कहीं ना दी दिखाई

यूँ सामने रहे जो तू
कुछ भी नहीं है दुनिया में इतना हसीं
मेरी नज़र हटती नहीं
देखूँ तुझे मैं हर शाम-ओ-शहर

तेरी अदा कुछ ख़ास है
मैं इससे ज़्यादा तुझसे क्या कहूँ?

सुन मेरे मीत, मेरे मीत
तेरे बिना भी जीना, क्या जीना!
Oh, मेरे मीत, मेरे मीत
तुझसे जुड़ी हैं साँसें ये मेरी

तेरे ख़्यालों की ये बहारें
यूँ मुस्कुराहट सी बन जाए
महकने लगेंगे वो रस्ते भी सारे
जिसपे पड़े हो तेरे कदम

सुन मेरे मीत, मेरे मीत
तेरे बिना भी जीना, क्या जीना!
Oh, मेरे मीत, मेरे मीत
तुझसे जुड़ी हैं साँसें ये मेरी



Credits
Writer(s): Vipin Singh
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